धनबाद। धनबाद जिले के भोर बलियापुर के पलानी गांव के एक युवक और युवती का शव बुधवार को धौखरा हाल्ट के पास मिला था। आशंका जताई गई कि दोनों ने ट्रेन से कटकर जान दी। शव किसके हैं, सभी जान रहे हैं। पुलिस को भी भनक है। इसके बावजूद 96 घंटे गुजरने के बाद भी दोनों से खफा स्वजन शव लेने नहीं आए।

बताया जा रहा है कि दोनों रिश्ते में भाई-बहन थे। उनमें प्रेम संबंध था। विवाह हो नहीं सकता था, इसलिए जान दे दी। उनकी लाशें पुलिस ने अज्ञात मान एसएनएमएमसीएच के डीप फ्रीजर में रखवाई है। सबसे दुखद ये है कि मरने के बाद भी दोनों की रूह कलप रही होगी, जिसे अंतिम संस्कार का इंतजार है। बावजूद न तो स्वजन का दिल पसीज रहा, न गांववालों का। एसएनएमएमसीएच से गांव की दूरी महज चार किमी है

दिन पर दिन गुजर रहे, नहीं जाग रही पुलिस

बलियापुर थाना पुलिस को मालूम है कि दोनों पलानी के रहने वाले थे। उनके माता-पिता की भी जानकारी है। बावजूद पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी है। पुलिस दोनों को अज्ञात मान रही, लेकिन तस्वीर समाचार पत्रों में प्रकाशित नहीं कराई गई। पुलिस इंतजार कर रही है कि स्वजन खुद थाना आकर प्राथमिकी कराएंगे। तभी कार्रवाई आगे बढ़ेगी।

16 07 2023 brother sister love story 23472882

बलियापुर थानेदार एसके यादव ने कहा था कि 72 घंटे तक पुलिस इंतजार करेगी। शवों पर कोई दावा करने नहीं आया तो पुलिस अंतिम संस्कार कराएगी। शनिवार को 72 घंटे भी बीत गए। बावजूद पुलिस चुप है। बकौल थानेदार पुलिस को सूचना है कि मरनेवाले पलानी पंचायत के थे। गांव में संपर्क किया है। उम्मीद है कि रविवार को स्वजन शव लेने आएंगे।

शवों को सम्मान दिलाने न ग्रामीण न जनप्रतिनिधि आगे आ रहे

इंसान सामाजिक प्राणी है, हम अपने को सभ्य कहते हैं, बावजूद इस प्रकरण ने समूचे समाज पर सवाल उठाया है। क्या यही है इंसानियत, अपनों के होने के बाद भी शव लावारिस पड़े हैं। क्या माता-पिता के कलेजे में हूक नहीं उठती होगी, यदि हां तो क्यों नहीं बढ़ रहे आगे। बच्चों के साथ खून का रिश्ता है, वह क्यों झुलस गया। जिन ग्रामीणों के सामने दोनों पले बढ़े, वे क्यों चुप हैं।

बलियापुर के जनप्रतिनिधि व नेता राजनीतिक रूप से सजग और जुझारू माने जाते हैं। जनता की आवाज बनते हैं वे क्यों चुप हैं। दोनों बच्चों का सामाजिक रूप से जो भी आचरण रहा हो, मगर मरने के बाद शवों सम्मान से अंतिम संस्कार होना ही चाहिए। इतना तो उनका अपने परिवार पर हक है ही। इधर, पलानी के मुखिया प्रतिनिधि धमेंद्र तुरी कहते हैं, उनकी पंचायत में ऐसी घटना की कोई जानकारी नहीं है।

एक सवाल ये भी, सम्मान के नाम पर कहीं हत्या तो नहीं

एक ही गांव और एक ही परिवार के युवक-युवती की मौत की खबर को जिस तरह से स्वजन पचा रहे हैं, उससे सवाल यह भी उठ रहा कि कहीं सम्मान के नाम पर हत्या तो नहीं कर दी गई है। बलियापुर थानेदार कहते हैं कि साफ शब्दों में गांव में संदेश दे दिया गया है कि जो भी स्वजन हैं वे आकर शव ले जाएं। बाद में कुछ उजागर होता है तो बचेगा कोई नहीं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *