Bihar PM Kishan Yojana, सीतामढ़ी: जिले में बहुत सारे किसानों की शिकायत रहती है कि उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिला है। लोगों को इसके कारणों की पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाती है और वे एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय भटकते रहते है। किस कारण किसान सम्मान निधि का पैसा किसी को नहीं मिल पाता है। इसका खुलासा कृषि निदेशक डॉ. आलोक रंजन घोष ने किया है। उन्होंने सीतामढ़ी समेत तमाम जिलों के जिला कृषि पदाधिकारी को पत्र भेज कर इसकी विस्तृत जानकारी शेयर की है। उन्होंने पत्र लिखकर किसान सम्मान निधि का पैसा नहीं मिलने के मूल तीन कारणों की जानकारी दी है। इसके साथ ही इसके निदान की बात भी कही है।
Bihar PM Kishan Yojana
लाभ नहीं मिलने का बड़ा कारण
कृषि निदेशक घोष के पत्र के अनुसार, लाभार्थियों का ई-केवाईसी नहीं होने तथा आधार नंबर नहीं जुड़े रहने के कारण लाभ से वंचित रहना पड़ता है। एनपीसीआई से बैंक खाता लिंक नहीं रहने के कारण भी लाभार्थी के खाते में किसान सम्मान निधि का पैसा नहीं आता है। ये समस्या बहुत सारे लाभार्थियों की है। भारत सरकार ने राज्य सरकार को उक्त तीनों काम कराने के लिए युद्धस्तर पर ठोस कदम उठाने को कहा है। यहां तक कि भारत सरकार ने कृषि विभाग, बिहार को आगामी 30 अक्टूबर तक ई-केवाईसी, आधार और एनपीसीआई से खाता लिंक कराने की प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट मांगी है। केंद्र से समय-सीमा निर्धारित होते ही कृषि विभाग हरकत में आ गया है।
पंचायतों में किसानों के लिए कैंप
कृषि निदेशक ने डीएओ को भेजे पत्र में पंचायतों में कैंप लगाकर किसानों का उक्त तीनों काम पूरा कराने को कहा है। साथ ही बताया है कि इस कार्य की अब हर बुधवार को 3:30 बजे जूम वीसी से समीक्षा होगी। कारण कि हर सप्ताह कृषि मंत्रालय और कृषि विभाग के बीच इसकी समीक्षा की जाती है। विगत तीन माह की उपलब्धि को कृषि निदेशक ने असंतोषजनक करार दिया है। कहा है कि तीनों त्रुटियों के निराकरण के लिए कैंप का पर्यवेक्षण और अनुश्रवण बीएओ और अनुमंडल कृषि पदाधिकारी करेंगे। निदेशक ने कैंप का व्यापक प्रचार- प्रसार कराने का निर्देश दिया है, ताकि अधिक से अधिक किसानों की ई केवाईसी की जा सके।
आधार नंबर मिसमैच, तो ऐसे होगा सुधार
पत्र में कृषि निदेशक ने कहा है कि किसी लाभार्थी का आधार नंबर मिसमैच होगा, तो PM-KISAN के Farmer Corner पर जाकर Aadhar Edit Failure Record से ठीक किया जायेगा। किसानों का भौतिक सत्यापन भी ऐप के माध्यम से करने को कहा गया है। यह काम किसान सलाहकार और कृषि समन्वयक करेंगे। भौतिक सत्यापन में यह देखना है कि कोई पति – पत्नी दोनों लाभ तो नहीं ले रहे हैं। सरकारी सेवक तथा पेंशनधारी को भी लाभ नहीं देना है। लाभार्थी किसान की मृत्यु तो नहीं हो गई है। एक फरवरी 19 को लाभार्थी की उम्र 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
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